मुहर्रम का महीना शोक और श्रद्धा का महीना है, और इस अवसर पर शायरी एक प्रभावशाली तरीका है जो हमें इमाम हुसैन की शहादत और उनके बलिदान की याद दिलाता है। यहां 50 अद्वितीय मुहर्रम शायरी दी जा रही हैं:
“हुसैन की राह पर चलकर हमने सीखा है,
कभी न डरना है, चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ हो।
मुहर्रम की इस घड़ी में हमें हुसैन का जज्बा मिला है,
उनकी शहादत से हमें जीवन की राह मिली है।”
“मुहर्रम की रातों में ग़म का आलम होता है,
हुसैन की यादों में दिल का दिल होता है।
जब भी हमने दर्द उठाया,
उसकी शहादत ने हमें साहस दिया।”
“हुसैन के रास्ते पर चलता है दिल,
मुहर्रम में यादों से भरता है यह दिल।
कभी ना भूलेगा तेरा नाम-ए-हुसैन,
तेरी शहादत हमारे दिलों में हमेशा रहेगी।”
“मुहर्रम के महीने में ग़म की बारिश है,
हुसैन की शहादत से दिल में दरियाफ़त है।
जो उनका रास्ता अपनाएगा,
वो कभी नहीं हार पाएगा।”
“इस मुहर्रम में ग़म की शमा जलाते हैं,
हुसैन की शहादत पर सिर झुका के मुस्कुराते हैं।
तू जो भी है हुसैन का फॉलोअर,
तेरे दिल में कोई भी ग़म नहीं आता है।”
“मुहर्रम के महीने में इश्क़-ए-हुसैन बढ़ा है,
हर दिल में उनका नाम गूंजता है।
जो हुसैन के रास्ते पर चलता है,
उसके हर ग़म से खुदा काफ़ी है।”
“मुहर्रम के दिनों में दिल में ग़म का समंदर है,
लेकिन हुसैन की शहादत में एक खास असर है।
जिंदगी में यही सच्चाई है,
हुसैन की यादों में सुकून है।”
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“हुसैन की शहादत का असर कभी खत्म नहीं होगा,
उनकी आशीर्वाद से दिल कभी अकेला नहीं होगा।
मुहर्रम की घड़ी में उनका नाम हमेशा ज़िंदा रहेगा,
हुसैन का रास्ता कभी नहीं थमेगा।”
“मुहर्रम में हमारी आँसू बहते हैं,
लेकिन हुसैन के रास्ते पर हम मजबूती से चलते हैं।
उनकी शहादत से हमें है प्यार और आस्था,
उनकी यादें हमेशा रहेंगी हमारे दिल में खास।”
“मुहर्रम की रातों में हुसैन की यादें चमकती हैं,
हर आंख से ग़म की बूँदें गिरती हैं।
लेकिन उनका इश्क़ हमें मजबूत बनाता है,
हुसैन की शहादत का जो असर है, वो सबसे अलग है।”
“कभी नहीं रुकेगा हुसैन का कारवां,
उनकी शहादत से मिलेगी हमें रहनुमाई।
मुहर्रम की रातों में दिल की आवाज़ यही है,
हुसैन का नाम लेंगे हर रोज़ हम।”
“मुहर्रम के दिन आते हैं ग़म के साथ,
लेकिन हुसैन की यादों से मिलता है सुकून का एहसास।
हुसैन का रास्ता हमें सिखाता है,
मुसीबत में भी हर हाल में मुस्कराते रहना है।”
“हुसैन का नाम सच्चाई का प्रतीक है,
उनकी शहादत हमें शक्ति देती है।
मुहर्रम के महीने में हमें यही सिखाया गया,
कि प्यार, इन्साफ़, और सच्चाई से कभी ना मुंह मोड़ो।”
“मुहर्रम के महीने में आँखें नम हैं,
लेकिन हुसैन के मार्ग पर चलने का जुनून दम है।
शहीदों की याद में हर दिल रोता है,
हुसैन का नाम हर ज़ुबान पे रहता है।”
“हुसैन की शहादत ने हमें रास्ता दिखाया,
मुसीबतों में भी दिलों को संजीवनी मिलाया।
मुहर्रम में इस दिल को ठंडक मिलती है,
हुसैन का नाम सबकी ज़ुबान पर गूंजता है।”
“हमेशा ज़िंदा रहेगा हुसैन का नाम,
उनकी शहादत ही है सबसे बड़ी ईमान का पैग़ाम।
मुहर्रम में दिल में ग़म का आलम है,
लेकिन हुसैन की यादें हमें नये विश्वास से भर देती हैं।”
“कभी भी न हिम्मत हारें, चाहे कैसा भी हो ग़म,
हुसैन की शहादत ने दिया है हमें साहस हर कदम।
मुहर्रम के महीने में हमारी आँखें नम हैं,
लेकिन दिल में हुसैन का जज़्बा है।”
“हुसैन के रास्ते पर चलने से ही सच्चाई मिलती है,
उनकी शहादत से ही दिल को राहत मिलती है।
मुहर्रम में हम सिर्फ रोते नहीं,
उनके इश्क़ में हम ज़िंदा रहते हैं।”
“हुसैन का रास्ता है सच्चाई का रास्ता,
उनकी शहादत से मिलता है हमें हर सवाल का जवाब।
मुहर्रम में ग़म और दर्द का समय है,
लेकिन हुसैन की यादों में हमेशा नयी रोशनी है।”
“हर दिल में हुसैन का इश्क़ हमेशा रहेगा,
मुहर्रम के दिनों में उनका नाम जिंदा रहेगा।
जो उनके रास्ते पर चलेगा,
वो कभी हार नहीं पाएगा।”
“हुसैन की शहादत ने हमें जीने की राह दिखाई,
उनकी यादों में हम हमेशा मुस्काएंगे।
मुहर्रम में हर कदम पर इश्क़-ए-हुसैन की महक है,
जो उनके रास्ते पर चलेगा, वो कभी थकेगा नहीं।”
“मुहर्रम का महीना है शोक का,
लेकिन हुसैन का नाम है दिल में जोश का।
उनकी शहादत ने हमें रास्ता दिखाया,
मुसीबत में भी हमें हिम्मत बढ़ाया।”
“मुहर्रम की रातों में रुलाई जाती है,
लेकिन हुसैन के नाम से दिल से रोशनी आती है।
उनकी शहादत हमें ताकत देती है,
हमेशा यादों में उनका प्यार रहता है।”
“हर दिल में हुसैन का नाम गूंजे,
मुहर्रम के दिन यादें सजीव हों।
हुसैन की शहादत हमें रास्ता दिखाए,
हम उनके आदर्शों से कभी ना भटके।”
“मुहर्रम की रातों में आँसू होते हैं,
लेकिन हुसैन की शहादत दिल में जोश होते हैं।
उनका प्यार और इश्क़ हमसे हमेशा रहेगा,
मुसीबत में भी उनका जज़्बा हमें साहस देगा।”
“मुहर्रम के महीने में दिल में ग़म है,
लेकिन हुसैन की शहादत के आगे सब कुछ कम है।
उनके इश्क़ में बसी है सच्चाई की राह,
जो उनके साथ चले, वो हमेशा पाएगा सफलता की बात।”
“हुसैन की शहादत ने हमें सिखाया है,
सच्चाई और न्याय के रास्ते पर चलना है।
मुहर्रम के दिनों में हमें यही संदेश मिलता है,
कभी भी सच्चाई से न हटना है।”
“मुहर्रम में दिलों में ग़म का आलम है,
लेकिन हुसैन की यादों में हमें सुकून का सलाम है।
उनकी शहादत ने हमें दिखाया है जीवन का असल रास्ता,
हमेशा हुसैन के आदर्शों पर चलना है हमारा मंत्र।”
“हुसैन का नाम है अमर, उसकी शहादत है शहादत,
मुहर्रम में दिलों का ग़म है, लेकिन हुसैन के नाम से हिम्मत भी मिलती है।
उनकी राह पर चलने से हमें मिलता है सुकून,
हुसैन का इश्क़ ही है हमारी पहचान का बुनियाद।”
“मुहर्रम की रातें होती हैं ग़म से भरी,
लेकिन हुसैन की यादें देती हैं एक नई दिशा।
उनकी शहादत हमें सिखाती है कैसे जीना है,
जिंदगी में हर मुश्किल से कैसे लड़ना है।”
“हमेशा याद रखेंगे हुसैन की शहादत,
जो दिलों में प्यार और सच्चाई की बात करती है।
मुहर्रम में हमेशा उनकी यादों में बसा रहे,
उनकी शहादत का असर कभी खत्म ना हो।”
“मुहर्रम की रातें हों या दिन,
हुसैन की यादों में हमे मिलता है ग़म का मिठास।
उनकी शहादत ने हमें सच्चाई का रास्ता दिखाया,
उनके प्यार में जीवन को एक नई दिशा मिलती है।”
“मुहर्रम का महीना है ग़म के साथ,
लेकिन हुसैन के नाम से दिल में है हर खुशी का साथ।
उनकी शहादत हमें दिखाती है कि इंसानियत सबसे बड़ी है,
हर दर्द और ग़म के बाद हमें खड़ा होना है।”
“हुसैन की शहादत हमें इश्क़ और सच्चाई का पैग़ाम देती है,
मुहर्रम के दिनों में उनकी यादें हमारी ताकत बन जाती हैं।
उनकी राह पर चलकर हमें जिंदगी का असल मतलब मिलता है,
हमेशा याद रखेंगे हुसैन की शहादत का असर।”
“हुसैन की शहादत से जिंदगी का रास्ता खुलता है,
मुहर्रम की रातें ग़म और दर्द में डूबे होते हैं,
लेकिन हुसैन के इश्क़ से हर दिल में जोश भरता है।”
“मुहर्रम के दिनों में दिल रोते हैं,
लेकिन हुसैन की यादों से हमें साहस मिलता है।
उनकी शहादत हमें दिखाती है कि अगर हम सही रास्ते पर चलें,
तो किसी भी मुश्किल से जूझने की ताकत मिलेगी।”
“मुहर्रम का महीना है ग़म और दर्द का,
लेकिन हुसैन की शहादत है सच्चाई का नमूना।
हमेशा याद रखेंगे उनका रास्ता,
जो हमें सच्चाई, प्रेम और इंसानियत सिखाता है।”
“मुहर्रम की रातों में ग़म की बारिश है,
लेकिन हुसैन की शहादत से हमें एक नई रोशनी मिलती है।
उनके रास्ते पर चलने से हमें मिलता है सच्चाई का आधार,
हमेशा उनके नाम से जीवन में रास्ते साफ़ होते हैं।”
“हुसैन की शहादत एक मिसाल है,
उनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहती हैं।
मुहर्रम के दिनों में हमे उनकी यादें याद दिलाती हैं,
हुसैन का इश्क़ हमेशा हमारे साथ चलता है।”
“मुहर्रम के दिनों में ग़म का समंदर है,
लेकिन हुसैन की शहादत से दिल में साहस का अंबर है।
उनकी राह पर चलकर हमने सीखा है,
हर मुश्किल को मुस्कान में बदलना है।”
“हुसैन की शहादत ने हमें सच्चाई का रास्ता दिखाया,
मुहर्रम के दिनों में उनकी यादें हमारे साथ सिखाती हैं।
उनकी राह पर चलकर हमे हर मुश्किल का सामना करना है,
और हुसैन के नाम से हर दर्द का इलाज करना है।”
“मुहर्रम में हमें शहादत की याद आती है,
लेकिन हुसैन की यादें हमारे दिलों में रहती हैं।
उनकी शहादत ने हमें सच्चाई की राह दिखाई,
हर दर्द और ग़म में उनकी यादें संजीवनी का काम करती हैं।”
“मुहर्रम के दिनों में दिल में ग़म होता है,
लेकिन हुसैन की शहादत हमें साहस देती है।
उनके इश्क़ में हमे मिलती है एक नई ताकत,
जिंदगी के रास्ते में हमें हिम्मत मिलती है।”
“हुसैन की शहादत एक प्रकाश है,
उनकी यादें हमें रास्ता दिखाती हैं।
मुहर्रम के दिनों में हम सब उनकी शहादत से सीखा करते हैं,
कि सच्चाई और इंसानियत की राह सबसे ऊपर है।”
“हुसैन की शहादत ने हमें जीने की राह सिखाई,
मुहर्रम के महीने में हमें वही जज़्बा मिलता है।
उनकी यादों से हमें इंसानियत और सच्चाई का असल मतलब मिलता है,
जो हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।”
“मुहर्रम में दिलों में ग़म का समंदर होता है,
लेकिन हुसैन की शहादत से उम्मीद का सूरज निकलता है।
उनकी यादें हमें हिम्मत देती हैं,
हर ग़म के बाद हमें सफलता की दिशा दिखाती हैं।”
“मुहर्रम का महीना है शोक और ग़म का,
लेकिन हुसैन के नाम से हमे मिलती है रोशनी का सफ़र।
उनकी शहादत से हमे मिलता है जीवन का असल मक्सद,
जो हमें कभी भी हारने नहीं देगा।”
“मुहर्रम के दिनों में दिल रोते हैं,
लेकिन हुसैन की शहादत के बाद हम हार नहीं मानते।
उनकी राह पर चलकर हमे मिलता है सफ़लता का रास्ता,
जो हमें कभी ना थमने देता है।”
“हुसैन की शहादत ने हमें जिंदगी का असल मकसद बताया,
मुहर्रम के महीने में उनकी यादें हमें सच्चाई की राह पर चलाती हैं।
उनके इश्क़ में हमें मिलता है हर दर्द का इलाज,
और दिल में हमेशा साहस और उम्मीद का पैगाम रहता है।”
“मुहर्रम के महीने में दिल में ग़म होता है,
लेकिन हुसैन के नाम से हमारे दिलों में साहस मिलता है।
उनकी शहादत हमें सिखाती है जिंदगी में हमेशा सच का रास्ता चुनो,
कभी हार मत मानो, हमेशा आगे बढ़ते रहो।”